रविवार, 28 अगस्त 2011

मोहब्बत भरी जिंदगी

रश्क हे जिन्दगी को बनाया किसने
महकते हुये आंचल से सजाया किसने
हरेक कदम पे जिन्दगी मे खुशियाँ बिखेर दी
पर गम के सायों से रुलाया किसने

जिंदगी में मोहब्बत भरो खुदा - ए - दीन की तरह
जिंदगी में फितरत भरो फिल्म के सीन की तरह
जिंदगी को जिओगे ऐसे तो मज़ा आयेगा
बाद में रुसखत  करो तमाशेबीन की तरह

जिंदगी के लम्हों को यूँ दिल में बसा लो
आसमाँ से मानो तुम सुरमा चुरा लो
वक्त की नज़ाकत को समझकर यारों
जिंदगी को मोहब्बत की  दुनिया बना लो

आते हैं सपनो मे बख्शीशें हज़ार
होती है अक्सर हसीनो से आँखे चार
सपने तो टूटते हैं अक्सर यारों
सपनो को जिंदगी का मकसद बना लो

तुम पाओगे की जिंदगी जहीन हो गयी
खुशी के आईने में  आमीन हो गयी
गम की आहट ना आयेगी तेरे दर पे कभी
हर मोड पे हर लम्हा रंगीन हो गयी ।