रविवार, 31 जुलाई 2011

ई सरकारी जमीन हई

---------- रात भर मै झुमरी काकी के बारे में सोचता रहा ---- आखिर क्यों भगवान इस तरह की लम्बी उम्र देता है  जिसमें इंसान को रोटी तक के लिये तरसना पडे , पता नही क्यों मैं झुमरी काकी से भावनात्मक रुप से बंधने लगा था , शायद रात के वक्त हर आदमी के साथ ऐसा होता है , दिन में जो भी उसने बुरा देखा या सुना हो उस पर मंथन करना लाजिमी होता है ,एक सपने जैसी अनुभूति होती है इसीलिये तो सुबह जब मै उठा तो  रात के सारे वाकये भूल चुका था , झुमरी काकी की सारी बातें जेहन से धुंधली पड चुकी थी , मैने नित्यक्रिया से छुटकारा पाया और खेतों की तरफ घूमने का प्रोग्राम बनाया , दरहसल एक लम्बे अरसे के बाद कभी-कभी गाँव जाता हूँ सो सुबह के प्रकृति के दीदार से भला कौन चुकना चाहता है , निकल पडा -- सोचा सैर -सपाटा भी हो जायेगा और खेतों को भी देख लूँगा , अभी आहर के निकट पहुँचा होउन्गा कि किसी के जुबान से भद्दी -भद्दी गालियों का संगीतमय उच्चारण सुनकर ठिठक गया---- सामने देखा तो गाँव के मुखिया का लडका अपने खेत मे खडा जुबान से काँटे निकाल रहा है , था ही वह उदंग्गड बचपन से ही मेरे साथ ही पढता था , मास्टर जी को भी नही छोडता था , मैने वहाँ रुकना उचित नही समझा और अपने कदम बढा दिये पर-------सामने सुकर लेकर आती वृद्धा को देखकर ठिठक जाना पडा ---- निसंदेह यह झुमरी काकी थी , रात की बातें फिर से ताज़ा हो गयी ---- मन किया  कि मुखिया के बेटे को तमाचा जड दूँ पर हिम्मत नही हुई , सोचा क्यों बेबजह का पंगा लूं ,पर असहाय झुमरी काकी के लिये कूछ करना चाह रहा था , मैं भी तो असहाय ही था ----- इसी उधेडबुन में फँसा कभी अपने - आपको तो कभी मुखिया के बेटे को कोस रहा था कि एक कडकती आवाज सुनकर चौंक गया-------वास्तव में आवाज में बुलन्दी थी----- ई तोहर बाप के खेत नय हऔ कि तो हमरा गारि देमही ------ ई पर सरकार के अधिकार है ----- और हमनी भी भोटवा दे हियै------- ई गरमज़रुआ खेत हकै तौ कब्जा कर लिहनी तो कि------( ये तुम्हारा बाप का खेत नहीं है , जो तुम मुझे गाली दे रहे हो , इस पर सरकार का अधिकार है , और हम लोग भी वोट देते हैं , ये तो सरकारी जमीन है, तुम लोग कब्जा कर लिय हो तो क्या?)  झुमरी काकी के मुँह से वोट का महत्व और अपने अधिकार की बात सुनकर मेरा दिल बाग-बाग हो गया , उनकी जानकारी की कला से मै हैरान भी था----- मै उनसे बात करने को उत्सुक हो गया-----पर सामने खडे मुखिया के लडके को देखकर अपने कदम बढा लिये------शेष अगले भाग में-------

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